Sunday 10 September 2017

*कभी ना कहो की* *दिन अपने ख़राब है* *समझ लो की हम* *काँटों से घिर गए गुलाब है* *"रखो हौंसला वो मंज़र भी आयेगा;* *प्यासे के पास चलकर समंदर भी* *आयेगा..!* *थक कर ना बैठो, ऐ मंजिल के मुसाफ़िर;* *मंजिल भी मिलेगी और* *जीने का मजा भी आयेगा...!!"* *"अगर इन्सान की पहचान करनी हो तो* *सूरत से नही. चरित्र से करो...."* *"क्यूंकि सोना* *अक्सर लोहे की तिजोरी में* *ही रखा जाता है..........!!!* *🌹🌅सुप्रभात🌅🌹* 🌷स्वस्थ रहो। मस्त रहो ।।🌷 आपका दिन खुशियों से भरा व्यतीत हो ।

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