Tuesday 25 April 2017

इस्लामिक सेन्टर ओरलीनस ओटावा कैनेडा *कुछ दर्द मिटाना बाकी है* *कुछ फर्ज निभाना बाकी है* *रफ़्तार में तेरे चलने से* *कुछ रूठ गए कुछ छूट गए* *रूठों को मनाना बाकी है* *रोतों को हँसाना बाकी है* *कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए* *कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए* *उन टूटे -छूटे रिश्तों के* *जख्मों को मिटाना बाकी है* *कुछ हसरतें अभी अधूरी हैं* *कुछ काम भी और जरूरी हैं* *जीवन की उलझ पहेली को* *पूरा सुलझाना बाकी है* *जब साँसों को थम जाना है* *फिर क्या खोना ,क्या पाना है* *पर मन के जिद्दी बच्चे को* *यह बात बताना बाकी है* *कुछ दर्द मिटाना बाकी है* *कुछ फर्ज निभाना बाकी है !* 💐☘🌷 *सुप्रभात* 🌷☘💐

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