Saturday 10 November 2018

सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री सुरेन्द्र अग्रवालजी से एक मुलाकात। सुरक्षा का अधिकार – Right to Safety सुरक्षा के अधिकार वो अधिकार होता है जिसके तहत उपभोक्ता को सुरक्षा का अधिकार मिलता है। अर्थात कोई वस्तु या सेवा ऐसी नहीं होनी चाहिए, जो तुरंत या भविष्य में उपभोक्ता के लिए हानिकारक साबित हो। इसके तहत ये जरूरी है कि खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं को सुरक्षात्मक ढंग से पूरा किया जाना चाहिए। इसके साथ ही दीर्घकालीन हितों पर भी ध्यान देना चाहिए, यह भी सुरक्षा के अधिकार में शामिल किया गया है। इसके साथ ही इसके तहत उपभोक्ताओं को ये भी अधिकार मिलता है कि कोई भी खराब गुणवत्ता वाली वस्तु उपभोक्ता को नहीं दी जा सकती। इसके तहत जो भी ग्राहक किसी वस्तु को खरीद रहा है तो इसके लिए जरूरी है कि उसे इससे पहले उनकी गुणवत्ता और उत्‍पादों और सेवाओं की गारंटी पर जोर देना चाहिए। इसके साथ किसी भी ग्राहक को वस्तु की गुणवत्ता के अंकित उत्‍पादों को खरीदने पर प्राथमिकता लेनी चाहिए, जैसे आईएसआई, एगमार्क आदि। आपको ये भी बता दें कि अधिनियम की धारा 6 ( क) के मुताबिक जिंदगी और संपत्ति के लिए परिसंकट मय, माल एवं सेवाओं के विपणन के खिलाफ उपभोक्ताओं को संरक्षण का अधिकार प्राप्त है। इनके इस्तेमाल से उपभोक्ताओं को किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी, स्वास्थ्य की हानि, या अन्य कोई कठिनाई पैदा नहीं होगी। इसके साथ ही ये उपभोक्ताओं को अपनी गुणवक्ता एवं सुरक्षा के मानक से संतुष्टि पहुंचाने योग्य होना चाहिए। वहीं इस तरह अगर किसी भी ग्राहक को, सुरक्षा में किसी भी तरह की कोई कमी दिखती है तो वह इसकी शिकायत उपभोक्ता कोर्ट में कर सकते है।

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