Monday 12 November 2018

भारत सरकार के गुजरात उच्च न्यायालय के पूर्व कौनसील और सुप्रसिद्ध लोयर श्री मेहुल वखारीया जी के साथ एक मुलाकात। चुनने का अधिकार – Right to Choice इस अधिकार के तहत उपभोक्ता को अपने मन पसंद की कोई भी चीज या सर्विस चुनने का पूरा अधिकार है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति अपनी जरूरत के मुताबिक उपयुक्त एवं मनचाही वस्तु का चयन कर खरीद सकता है। वहीं इससे ग्राहक को एक कॉम्पटीटिव मार्केट भी मिलता है। वहीं किसी भी वस्तु का मार्केट में कॉम्पीटिशन होने से ग्राहक को सही दाम और उचित गुणवत्ता वाली वस्तु मिलती है। इसका अर्थ है- कॉम्पटीशन से दाम पर वस्तुओं की किस्मों और सेवाओं पर जहां तक संभव हो, पहुंच पाने का अधिकार सुनिश्चित करना। वहीं एकाधिकार के मामलों में, इसका अर्थ है सही कीमत पर संतोषजनक गुणवत्ता और सेवाओं का आश्‍वासन पाने का अधिकार। जिसमें मूलभूत वस्‍तुओं और सेवाओं का अधिकार भी शामिल है। वहीं कोई भी ग्राहक जब कोई भी वस्तु खरीदता है तो हमेशा उसकी यही कोशिश रहती है वो अपनी मनपसंद की वस्तु के लिए ही धन खर्च करे ताकि उसे संतुष्टि प्राप्त हो। वहीं बाजार में भी एक ही तरह की चीजे अलग-अलग वैराइटी में उपलब्ध होती है। जहां से किसी भी ग्राहक को अपनी मनपसंद की चीज का चयन करना होता है। इस तरह चयन करने का अधिकार उपभोक्ताओं को बेहतर तरीके से संरक्षण प्रदान करता है। वहीं यह ग्राहकों पर निर्भर करता है कि वे सजगता के साथ अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करें।

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