Monday 12 November 2018

मूँगफली पोषक तत्त्वों की अप्रतिम खान है। प्रकृति ने भरपूर मात्रा में इसे विभिन्न पोषक तत्त्वों से सजाया-सँवारा है। 100 ग्राम कच्ची मूँगफली में 1 लीटर दूध के बराबर प्रोटीन होता है। मूँगफली में प्रोटीन की मात्रा 25 प्रतिशत से भी अधिक होती है, जब कि मांस, मछली और अंडों में उसका प्रतिशत 10 से अधिक नहीं। 250 ग्राम मूँगफली के मक्खन से 300 ग्राम पनीर, 2 लीटर दूध या 15 अंडों के बराबर ऊर्जा की प्राप्ति आसानी से की जा सकती है। मूँगफली पाचन शक्ति बढ़ाने में भी कारगर है। 250 ग्राम भुनी मूँगफली में जितनी मात्रा में खनिज और विटामिन पाए जाते हैं, वो 250 ग्राम मांस से भी प्राप्त नहीं हो सकता है। मूँगफली एक ऐसा फल है जो को गरीबों के बादाम के नाम से भी जाना जाता है। मूँगफली वानस्पतिक प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत हैं। इसमें प्रोटीन की मात्रा मांस की तुलना में 1.3 गुना, अण्डों से 2.5 गुना एवं फलों से 8 गुना अधिक होती है। मूंगफली का नियमित सेवन करने से प्लेग जैसे खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है। मूंगफली को रात में भिगोकर सबुह नाश्ते में खाने से पूरे दिन शरीर को उर्जा मिलती रहती है। शिशुओं की माताओं को मूंगफली का नियमित सेवन करना चाहिए। मूंगफली, मां के दूध में बढोतरी करती है जिससे शिशु को पूरी मात्रा में प्रोटीन मिलता है। खाना खाने के बाद 15 दाने मूंगफली के खाने से बच्चों की स्मरण शक्ति और स्वास्थ्य दोनों तेजी से ठीक होता है। सब्जी, खीर और खिचड़ी में मूंगफली को डालकर खाने से पेट साफ हो जाता है और शरीर को पोषक तत्व भी मिल जाते हैं। मूंगफली भी बादाम की तरह ही शक्तिवर्धक पदार्थ है। इसलिए सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म रखने के लिए मूंगफली बेहतर खाद्य पदार्थ है।

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