Monday 5 November 2018

खुशनुमा माहौल मे पंचगनी हील स्टेशन पर होलीडे।।। *यूं ही न अपने मिजाज* *को चिड़चिड़ा कीजिये,* *अगर कोई बात छोटी करे* *तो आप दिल बड़ा कीजिये...* *एक जैसी ही दिखती थी माचिस की वो तीलियाँ,* *कुछ ने "दीए" जलाये और कुछ ने "घर",* _*मिली हैं रूहें तो, रस्मों की बंदिशें क्या है,*_ _*यह जिस्म तो ख़ाक हो जाना है फिर रंजिशें क्या हैं,*_ *है छोटी सी ज़िन्दगी तकरारें किस लिए,* *रहो एक दूसरे के दिलों में यह दीवारें किस लिए,* _*खुशी के फूल उन्हीं के दिलों में खिलते हैं,*_ _*जो इंसान की तरह इंसानों से मिलते हैं,*

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