Tuesday 30 October 2018

लग्जरी (यानी ऐश व इशरत ताऊस व रुबाब और असराफ़ ) वह दिमक है जो दुनिया की बड़ी-बड़ी तहजीब और हुकूमतों को खा चुके हैं रूम की सल्तनत हो या यूनान की बादशाहत चाहे हस्पानियाँ की रियासत हो7 या मुगल एंपायर फिर चाहे तुर्कों की शहंशाही दुनिया की बड़ी-बड़ी हुकूमतें इस लग्जरी आराम तलबी और सुस्ती की वजह से पेवन्द ख़ाक होकर इबारत का निशान बनी रोमन एंपायर 6 बर्रे आजमों पर फैला हुआ था लेकिन जब वहां लग्जरी लाइफ का दौर दौरा हुआ तो वहां जुल्म और नाइंसाफी भी शुरू हो गई और फिर एक दिन वह अजीम सल्तनत तारीख के कूड़ेदान का हिस्सा हो गई: सिकंदर ए आज़म की सल्तनत दुनिया के 51 मुल्कों पर कायम थी और उसने सिर्फ 10 सालों में आधी दुनिया को रौंद डाला था लेकिन जब हद से बढ़ी तो उसकी हुकूमत भी महज तारीख के काले पन्नों का एक हिस्सा बन के रह गई ईरान के बादशाह किसरा का हुकुम भी कमोबेश आधी दुनिया पर चलता था लेकिन लग्जरी लाइफ ने भी तारीख का जोहड़ बना कर रख दिया मुगलों ने भी भारत पर करीब 700 साल हुकूमत की लेकिन ऐश व इशरत और आपसी नाइत्तेफाकि ने उन्हें भी डूबा दिया भारत के आखरी हुकमरान जिनकी हुकूमत पहले ही दिल्ली से पालम तक सिमट चुकी थी और फिर महज किला तक महदूद रह गई थी अपनी उम्र7 के आखिरी घड़ियां रंगून के कैद खाने में गुजार दी और मरने के बाद भी उन्हें दिल्ली में 2 गज जमीन तक नसीब ना हो सकी मुसलमान अंदलुस और हस्पानियाँ पर फ़ख़्र करते हैं और बेशक उन्हें फखर करना चाहिए जब लंदन पेरिस और एमस्टरडम की गलियों में कीचड़ बहता था उस वक्त कुर्तबा शहर में ढाई लाख पक्के मकान 80400 दुकाने साफ-सुथरी और पक्की सड़कें और गलियां 1600 शानदार मस्जिद थे जब यूरोप ज़िंहालत के अंधेरे में डूबा हुआ था उस वक्त कुर्तबा की गलियों में चिराग जला करते थे लेकिन हस्पानियाँ के साइंस दौर पर तरक्कीयाफ्ता तालीम याफ्ता और मुहजजिब मुसलमानों का भी उनके लिए लग्जरी लाइफ से भरपूर ऐश व इशरत की जिंदगी ने बेड़ा गर्क कर दिया 28 फरवरी 1492 को अंदलुस का आखिरी बादशाह अबू अब्दुल्ला मोहम्मद ईसाई बादशाह फ्रेंडेड को कसर अल हमरा की चाभियाँ सौंप कर मराकश के शहर फैज चला गया और वहां उसने अपनी आखिरी उम्र भीख मांग मांग कर बसर की और सकूत हस्पानियाँ के ठीक 5 साल बाद 1497 में वहां एक भी मुसलमान बाकी ना बचा था जो रह गए थे उन्हें ईसाई बना दिया गया लेकिन फिर भी वह मोर कहलाते थे और एक 100 साल बाद उनका भी नामोनिशान मिटा दिया गया था :

No comments:

Post a Comment