Monday 10 July 2017

बहुत सुंदर फूल झाड से बनायी गई आकृतिया देखनेका सुनहरा अवसर *वो कागज की दौलत ही क्या* *जो पानी से गल जाये और* *आग से जल जाये* *दौलत तो दुआओ की होती हैं* *न पानी से गलती हैं* *न आग से जलती हैं...* *आनंद लूट ले बन्दे,* *प्रभु की बन्दगी का।* *ना जाने कब छूट जाये,* *साथ जिन्दगी का* सुप्रभात

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