Thursday 11 August 2016

इन्सान की 30 गलतियां: - 1🌻इस ख्याल में रहना कि जवानी और तन्दुरुस्ती हमेशा रहेगी। 2🌻खुद को दूसरों से बेहतर समझना। 3🌻अपनी अक्ल को सबसे बढ़कर.समझना। 4🌻दुश्मन को कमजोर समझना। 5🌻बीमारी को मामुली समझकर शुरु में इलाज. न करना। 6🌻अपनी राय को मानना और दूसरों के मशवरें को ठुकरा देना। 7🌻किसी के बारे में मालुम होना फिर भी उसकी चापलुसी में बार-बार आ जाना। 8🌻 बेकारी में आवारा घुमना और रोज़गार की तलाश न करना। 9🌻अपना राज़ किसी दूसरे को बता कर उससे छुपाए रखने की ताकीद करना। 10🌻 आमदनी से ज्यादा खर्च करना। 11🌻लोगों की तक़लिफों में शरीक न होना, और उनसे मदद की उम्मीद रखना। 12🌻 एक दो मुलाक़ात में किसी के बारे में अच्छी राय कायम करना। 13🌻माँ-बाप की खिदमत न करना और अपनी औलाद से खिदमत की उम्मीद रखना। 14🌻 किसी काम को ये सोचकर अधुरा छोड़ना कि फिर किसी दिन पुरा कर लिया जाएगा। 15🌻दुसरों के साथ बुरा करना और उनसे अच्छे की उम्मीद रखना। 16🌻 आवारा लोगों के साथ उठना बैठना। 17🌻कोई अच्छी राय दे तो उस पर ध्यान न देना। 18🌻खुद हराम व हलाल का ख्याल न करना और दूसरों को भी इस राह पर लगाना। 19🌻झूठी कसम खाकर, झूठ बोलकर,धोखा देकर अपना माल बेचना, या व्यापार करना। 20🌻 इल्म, दीन या दीनदारी को इज्जत न समझना। 21🌻 मुसिबतों में बेसब्र बन कर चीख़ पुकार करना। 22🌻 फकीरों, और गरीबों को अपने घर से धक्का दे कर भगा देना। 23🌻ज़रुरत से ज्यादा बातचीत करना। 24🌻पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार नहीं रखना। 25🌻 बादशाहों और अमीरों की दोस्ती पर यकीन रखना। 26🌻 बिना वज़ह किसी के घरेलू मामले में दखल देना। 27🌻बगैर सोचे समझे बात करना। 28🌻 तीन दिन से ज्यादा किसी का मेहमान बनना। 29🌻अपने घर का भेद दूसरों पर ज़ाहिर करना। 30🌻हर एक के सामने अपना दुख दर्द सुनाते रहना।"

No comments:

Post a Comment