सुप्रभात ।।।।।
ख्वाबों का, रंगीन होना गुनाह है;
इंसान का, ज़हीन होना गुनाह है...!!
कायरता समझते हैं लोग, मधुरता को;
ज़ुबान का, शालीन होना गुनाह है..!!
खुद की ही, लग जाती है नज़र;
हसरतों का, हसीन होना गुनाह है..!!
लोग इस्तेमाल करते हैं, नमक की तरह;
आंसुओं का, नमकीन होना गुनाह है..!!
दुश्मनी हो जाती है, मुफ्त में सैंकड़ों से;
इंसान का, बेहतरीन होना गुनाह है...
दरिया तलाश कर न समन्दर तलाश कर*
रहमत जहाँ मिले वो घर तलाश कर*
लोगो के पीछे चलने से कुछ फायदा नही*
जो राहे हक़ दिखाए वो रहबर तलाश कर...!*
सुबह का सलाम
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