Sunday, 13 August 2017

बलिदानों को भूल गए खून की होली खेल गए सत्ता का मंत्र सीख गए देश को भूल गए नैतिकता को भूल गए शहीदों पर राजनीति कर गए पहचानो इन गुरुओं को जो देश को बेच रहे भक्तो की कतार खड़ी अंधेपन से जूझ रहे जागो यह वीर सपुटो डरने की बात नही याद करो उन वीरों आज़ादी के मतवालों को आओ फिर लड़नी होगी एक लड़ाई इन देश के गद्दारों से जो लूट रहे देश को विकास के नारे से जय हिन्द । राणा संग्राम सिंह,

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