Saturday, 12 August 2017

सुप्रभात ।।।।। ख्वाबों का, रंगीन होना गुनाह है; इंसान का, ज़हीन होना गुनाह है...!! कायरता समझते हैं लोग, मधुरता को; ज़ुबान का, शालीन होना गुनाह है..!! खुद की ही, लग जाती है नज़र; हसरतों का, हसीन होना गुनाह है..!! लोग इस्तेमाल करते हैं, नमक की तरह; आंसुओं का, नमकीन होना गुनाह है..!! दुश्मनी हो जाती है, मुफ्त में सैंकड़ों से; इंसान का, बेहतरीन होना गुनाह है... दरिया तलाश कर न समन्दर तलाश कर* रहमत जहाँ मिले वो घर तलाश कर* लोगो के पीछे चलने से कुछ फायदा नही* जो राहे हक़ दिखाए वो रहबर तलाश कर...!* सुबह का सलाम

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