Monday, 17 July 2017
इन्सान की तीस गलतियां-जिसके बाद उसे हमेशा पछतावा होता है....☆☆☆ 1.-इस ख्याल में रहना कि जवानी और तन्दुरुस्ती हमेशा रहेगी...। 2.-खुद को दूसरों से बेहतर समझना..। 3.-अपनी अक्ल को सबसे बढ़कर.समझना..। 4.-दुश्मन को कमजोर समझना..। 5.-बीमारी को मामूली समझकर शुरु में इलाज न करना.! 6.-अपनी राय को मानना और दूसरों के मशवरें को ठुकरा देना..। 7.-किसी के बारे में मालुम होना फिर भी उसकी चापलुसी में बार-बार आ जाना..! 8.-बेकारी में आवारा घुमना और रोज़गार की तलाश न करना.!! 9.-अपना राज़ किसी दूसरे को बताकर उससे छुपाए रखने की ताकीद करना..! 10.-आमदनी से ज्यादा खर्च करना..! 11.-लोगों की तक़लिफों में शरीक न होना., और उनसे मदद की उम्मीद रखना..!! 12.-एक दो मुलाक़ात में किसी के बारे में अच्छी राय कायम करना..! 13.-माँ-बाप की खिदमत न करना और अपनी औलाद से खिदमत की उम्मीद रखना..! 14.-किसी काम को ये सोचकर अधुरा.छोड़ना कि फिर किसी दिन पुरा कर लिया जाएगा.! 15.-दुसरों के साथ बुरा करना और उनसे अच्छे की उम्मीद रखना.! 16.-आवारा लोगों के साथ उठना बैठना.! 17.-कोई अच्छी राय दे तो उस पर ध्यान न देना.! 18.-खुद हराम व हलाल का ख्याल न करना और दूसरों को भी इस राह पर लगाना.! 19.-झूठी कसम खाकर, झूठ बोलकर, धोखा देकर अपना माल बेचना, या व्यापार करना.! 20.-इल्म, दीन या दीनदारी को इज्जतन समझना.! 21.-मुसिबतों में बेसब्र बन कर चीख़ पुकार करना.! 22.-फकीरों,और गरीबों को अपने घर से अपमानित कर भगा देना.! 23.-ज़रुरत से ज्यादा बातचीत करना.! 24.-पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार नहीं रखना.! 25.-बादशाहों और अमीरों की दोस्ती पर यकीन रखना.! 26.-बिना वज़ह किसी के घरेलू मामले में दखल देना.! 27.-बगैर सोचे समझे बातें करना. 28.-तीन दिन से ज्यादा किसी का मेहमान बनना.! 29.-अपने घर का भेद दूसरों पर ज़ाहिर करना.! 30.-हर एक के सामने अपना दुख दर्द सुनाते रहना..!!!
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