Monday, 17 July 2017

ग्राहक ने दुकान में दाख़िल होकर दुकानदार से पूछा: केलों का क्या भाव लगाया है? दुकानदार ने जवाब दिया: केले 12 दिरहम और सेब 10 दिरहम। इतने में एक औरत भी दुकान में आयी और कहा: मुझे एक किलो केले चाहिए, क्या भाव है? दुकानदार ने कहा: केले 3 दिरहम और सेब 2 दिरहम। औरत ने अल्हम्दुलिल्लाह पढ़ा। दुकान में पहले से मौजूद ग्राहक ने खा जाने वाली ग़ज़बनाक नज़रों से दुकानदार को देखा, इससे पहले कि कुछ ऑल फॉल कहता, दुकानदार ने ग्राहक को इशारा करते हुए थोड़ा इंतजार करने को कहा। औरत खरीदारी करके खुशी खुशी दुकान से निकलते हुए बड़बड़ाई अल्लाह तेरा शुक्र है, मेरे बच्चे उन्हें खाकर बहुत खुश होंगे। औरत के जाने के बाद, दुकानदार ने पहले से मौजूद ग्राहक की तरफ मुतवज्जेह होते हुए कहा: अल्लाह गवाह है, मैंने तुझे कोई धोखा देने की कोशिश नहीं की। यह महिला चार यतीम बच्चों की मां है। किसी से भी किसी तरह की मदद लेने को तैयार नहीं है। मैंने कई बार कोशिश की है और हर बार नाकामी हुई है। अब मुझे यही तरीका सूझा है कि जब कभी ये आए तो उसे कम से कम दाम लगाकर कुछ चीज़ देदूँ। मैं चाहता हूँ कि उसका भरम बना रहे और उसे लगे कि वह किसी की मोहताज नहीं है। मैं यह तिजारत अल्लाह के साथ करता हूँ और उसी की रज़ा व ख़ुशनूदी का तालिब हूँ। दुकानदार बोला: यह औरत हफ्ते में एक बार आती है। अल्लाह गवाह है जिस दिन यह आ जाए, उस दिन मेरी बिक्री बढ़ जाती है और अल्लाह के ग़ैबी खजाने से बहुत मुनाफ़ा होता है। ग्राहक की आंखों में आंसू आ गए, उसने बढ़कर दुकानदार सिर पर बोसा देते हुए कहा: बख़ुदा लोगों की जरूरतों को पूरा करने में जो लज़्ज़त मिलती है उसे वही जान सकता है जिसने आज़माया हो।

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