Friday 13 October 2017

*अगर "जिंदगी" को "कामयाब"* *बनाना हो तो याद रखें,* *"पाँव" भले ही "फिसल" जाये* *पर "जुबान" को* *कभी मत फिसलने देना..* *सब के दिलों का* *एहसास अलग होता है* ... *इस दुनिया में सब का* *व्यवहार अलग होता है* ... *आँखें तो सब की* *एक जैसी ही होती है* ... *पर सब का देखने का* *अंदाज़ अलग होता है* ...

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