Monday 23 May 2016

वसीयत & नसीयत एक दौलतमंद इंसान ने दोस्त के सामने अपने बेटे को वसीयत करते हुवे कहा "बेटा मेरे मरने के बाद मेरे पैर मे ये फटे हुवे मोज़े (शॉक्स) पहना देना मेरी यह ख्वाहिश जरूर पूरी करना ! बाप के मरते ही गुस्ल देने के बाद बेटे ने आलिम से बाप की ख़ाहिश बताई आलिम ने कहा हमारे दीन मैं सिर्फ कफ़न पहनाने की इज़ाज़त है, पर बेटे की ज़िद थी की बाप की आखरी ख़ाहिश पूरी हो बहस इतनी बढ़ गई की शहर के उलमाओं को जमा किया गया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला इसी माहोल मे बाप का वह दोस्त आया जो वसीयत के वक्त मौजूद था। आकर बेटे के हाथ मे बाप का लिखा हुवा खत दिया जिस मे बाप की नसीयत लिखी थी। मेरे प्यारे बेटे देख रहे हो ? कसीर माल और दौलत, बंगलो, गाडी, बड़ी फैक्ट्री और फॉर्म हाउस के बाद भी मैं एक फटा हुवा मोजा तक नहीं ले जा सकता एक रोज़ तुम्हे भी मौत आएगी आगाह हो जाओ तुम्हे भी एक कफ़न मे ही जाना पड़ेगा लेहाज़ा कोशिश करना दौलत का सही इस्तेमाल करना नेक राह मैं ख़र्च करना बेसहाराओं को सहारा बनना क्युकि क़ब्र में सिर्फ तुम्हारे आमाल ही जाएंगे नोट: आप सभी से दरख्वास्त है की कड़वा सच ज़रूर शेयर करे क्या मालूम किसी एक को तोफिक हासिल हो जाये

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