Sunday 14 May 2017

माँ, माँ संवेदना है, भावना है अहसास है माँ, माँ जीवन के फूलों में खुशबू का वास है, माँ, माँ रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पलना है, माँ, माँ मरूथल में नदी या मीठा सा झरना है, माँ, माँ लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है, माँ, माँ पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है, माँ, माँ आँखों का सिसकता हुआ किनारा है, माँ, माँ गालों पर पप्पी है, ममता की धारा है, माँ, माँ झुलसते दिलों में कोयल की बोली है, माँ, माँ मेहँदी है, कुमकुम है, सिंदूर है, रोली है, माँ, माँ कलम है, दवात है, स्याही है, माँ, माँ परमात्मा की स्वयं एक गवाही है, माँ, माँ त्याग है, तपस्या है, सेवा है, माँ, माँ फूँक से ठँडा किया हुआ कलेवा है, माँ, माँ चूडी वाले हाथों के मजबूत कंधों का नाम है, माँ, माँ काशी है, काबा है और चारों धाम है, माँ, माँ चिंता है, याद है, हिचकी है, माँ, माँ बच्चे की हर चोट पर सिसकी है, माँ, माँ चुल्हा-धुँआ-रोटी और हाथों का छाला है, माँ, माँ ज़िंदगी की कड़वाहट में अमृत का प्याला है, माँ, माँ पृथ्वी है, जगत है, धूरी है, माँ बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है, मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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