Friday 6 March 2015

सभी के चेहरे में वो बात नहीं होती,
थोड़े से अँधेरे से रात नहीं होती,

जिंदगी में कुछ लोग बहुत प्यारे होते हैं,
क्या करें उन्ही से हमारी 'मुलाकात' नहीं होती.

किसी को तकलीफ देना मेरी आदत नही,
बिन बुलाया मेहमान बनना मेरी आदत नही...!

मैं अपने गम में रहता हूँ नबाबों की तरह,
परायी खुशियो के पास जाना मेरी आदत नही...!

सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मै,
किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नही...!

बांटना चाहता हूँ तो बस प्यार और मोहब्बत,
यूँ नफरत फैलाना मेरी आदत नही...!

जिंदगी मिट जाये किसी की खातिर गम नही,
कोई बद्दुआ दे मरने की यूँ जीना मेरी आदत नही...!

सबसे दोस्त की हैसियत से बोल लेता हूँ,
किसी का दिल दुखा दूँ मेरी आदत नही...!

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