Sunday 25 December 2016

"भ्रष्ट राजनेताओं, लुच्चे, लफ़ंगों" से देश को छुटकारा कब मिलेगा?" जवाब "बहुत कठिन है.. क्योंकि प्रश्न राजनेताओं से छुटकारे का नही है, प्रश्न तो तुम्हारे अज्ञान के मिटने का है. तुम जब तक अज्ञानी हो, कोई न कोई तुम्हारा शोषण करता रहेगा. कोई न कोई तुम्हें चूसेगा. पंडित चूसेंगे, पुरोहित चूसेंगे, मौलाना चूसेंगे,राजनेता चूसेंगे. तुम जब तक जाग्रत नही होगे, तब तक लुटोगे ही. फिर किसने लूटा, क्या फर्क पड़ता है ? किस झण्डे की आड़ में लुटे, क्या फर्क पड़ता है.. समाजवादियों से लुटे कि साम्यवादियों से.. क्या फर्क पड़ता है. तुम लुटोगे ही.. बस, लुटेरों के नाम बदलते रहेंगे और तुम लुटते रहोगे. यह मत पूछो कि राजनीतिक लुच्चों-लफंगों से देश को छुटकारा कब मिलेगा. यह प्रश्न अर्थहीन है. यह पूछो कि मै कब इतना जाग सकूँगा कि झूठ को झूठ की तरह पहचान सकूँ और जब तक सारी मनुष्य जाति झूठ को झूठ की भाँति नही पहचानती, तब तक छुटकारे का कोई उपाय नही है.

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