Wednesday 16 December 2015

सबकी जिंदगी बदल गयी एक नए सिरे में ढल गयी सारे यार गुम हो गये हैं तू से आप और तुम हो गये है कोई hello बोल कर formality करता हैं कोई बात न करने के लिए guilty करता हैं वक़्त वक़्त की बात हैं किसी ने number save किया किसी ने अजनबी सा behave किया माना के अब हम साथ नही है पर चुप चुप रहने की भी कोई बात तो नही हैं कभी मिलो तो बोल लिया करो बंद गांठो को खोल लिया करो शिकायत हो तो दूर करो यारो पर एक दुसरे से दुर तो न रहो .. इस दोस्ती को यूंही बनाये रखना; दिल में यादों के चिराग जलाये रfखना; बहुत प्यारा सफ़र रहा साल 2015 का; अपना साथ 2016 में भी बनाये रखना..

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