Sunday 20 May 2012

वैसे होते नहीं है लोग जैसे जो नज़र आते हैं
चेहरा दिमाग दोनों ही अलग नज़र आते हैं

कहते हैं कुछ और करते कुछ और नज़र आते हैं
इस जहाँ में हालात हर पल बदलते नज़र आते हैं

दिखते हैं घने पेड़ों जैसे जिंदगी की राहों में जो लोग
जब ठहरते हैं तो बिना छाँव के ये पेड़ नज़र आते हैं

ना लगाना गले हर किसी को "ravi"आज के ज़माने में
जो जोश से मिलते हैं उनके हाथों में खंज़र नज़र आते हैं.......!!!

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