Thursday, 1 June 2017
लड़कियों के स्कूल में आने वाली नई टीचर ख़ूबसूरत और बा अख़्लाक़ होने के साथ साथ इल्मी तौर पर भी मज़बूत थी लेकिन उसने अभी तक शादी नहीं की थी.. सब लड़कियां उसके इर्द-गिर्द जमा हो गईं और मज़ाक़ करने लगीं कि मैडम आपने अभी तक शादी क्यों नहीं की..? मैडम ने दास्तान कुछ यूं शुरू की_एक ख़ातून की पांच बेटियां थीं, शौहर ने उसको धमकी दी कि अगर इस दफा भी बेटी हुई तो उस बेटी को बाहर किसी सड़क या चौक पर फेंक आऊंगा, ख़ुदा की हिकमत ख़ुदा ही जाने कि छटी मर्तबा भी बेटी पैदा हुई और मर्द ने बेटी को उठाया और रात के अंधेरे में शहर के बीचों-बीच चौक पर रख आया, मां पूरी रात उस नन्ही सी जान के लिए दुआ करती रही और बेटी को अल्लाह के सुपुर्द कर दिया। दूसरे दिन सुबह बाप जब चौक से गुज़रा तो देखा कि कोई बच्ची को ले नहीं गया बाप बेटी को वापस घर लाया लेकिन दूसरी रात फिर बेटी को चौक पर रख आया लेकिन माजरा उसी तरह तकरार होता रहा यहां तक कि सात दिन बाप बाहर रख आया और जब कोई ल ले ना जाता तो मजबूरन वापस उठा लाता, यहां तक कि बाप थक गया और ख़ुदा की रज़ा पर राज़ी हो गया और फिर ख़ुदा काम करना ऐसा हुआ कि एक साल बाद मां फिर हामिला हो गई और इस दफा अल्लाह ने उनको बेटा अता फरमा दिया लेकिन कुछ ही दिन बाद बेटियों में से एक फौत हो गई यहां तक कि पांच बार हामिला हुई और अल्लाह ने पांच बेटे अता किए लेकिन हर दफा उसकी बेटियों में से एक इस दुनियां से रुख्सत हो जाती फ़क़त एक ही बेटी ज़िंदा बची और वो वही बेटी थी जिससे बाप जान छुड़ाना चाह रहा था, मां भी इस दुनियां से चली गई इधर पांच बेटे और एक बेटी सब बड़े हो गए टीचर ने कहा पता है वो बेटी जो ज़िंदा रही कौन है.? "वो मैं हूं" और मैंने अभी तक शादी इसलिए नहीं की कि बाप इतने बूढ़े हो गए हैं कि अपने हाथ से खाना भी नहीं खा सकते जबकि कोई दूसरा नहीं जो उनकी खिदमत करें बस मैं ही उनकी खिदमत किया करती हूं और वो पांच बेटे कभी कभी आकर बाप की अहवाल पुरसी कर जाते हैं जबकि बाप हमेशा शर्मिंदगी के साथ रो रो कर मुझ से कहा करते हैं, मेरी प्यारी बेटी जो कुछ मैंने बचपन में तेरे साथ किया उस पर मुझे मुआफ करना, मैंने किसी जगह बेटी की बाप से मुहब्बत के बारे मैं एक प्यारी बात पढ़ी थी कि एक बाप बेटे के साथ फुटबॉल खेल रहा था और बेटे की हौसला अफजाई के लिए जान बूझ कर हार रहा था दूर बैठी बेटी बाप की शिकस्त बर्दाश्त ना कर सकी और बाप के साथ लिपट के रोने लगी और बोली बाबाजान आप मेरे साथ खेलें, ताकि मैं आपकी जीत के लिए खुद जान बूझ कर हार जाऊं और सच कहा जाता है कि बेटी तो बाप के लिए रहमत होती है..
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