Wednesday, 28 June 2017

दोस्तों जव *राजीव* *गांधी* जी का *स्वर्गवास* हो गया तो *अटल* *बिहारी* वाजपेयी का कहा पढोगे तो *आँखे* भर आएगी श्री *राजीव* *गाँधी* की *हत्या* के बाद पत्रकार *करन* *थापर* ने वाजपेयी जी को *फोन* करके पूछा कि क्या वो *राजीव* जी के बारे में बात करना चाहेंगे तो *करन* को *वाजपेयी* जी ने घर पर *बुलाया* और करन से बोले कि कोई और बात करने से पहले वो कुछ बताना चाहते हैं *वाजपेयी* जी ने करन से कहा, “जब *राजीव* *गांधी* प्रधानमंत्री थे तो उन्हें कहीं से पता चला कि मुझे *किडनी* की बीमारी है जिसका इलाज *विदेश* में होगा। एक दिन *राजीव* ने मुझे दफ्तर बुलाया और कहा कि वो मुझे *संयुक्त* *राष्ट्र* जा रहे भारतीय *प्रतिनिधिमंडल* में शामिल कर रहे हैं और उम्मीद जताई कि मैं इस मौके का इस्तेमाल जरूरी *इलाज* के लिए करूंगा। मैं *न्यूयॉर्क* गया और ये एक कारण है कि मैं आज *ज़िंदा* हूं।” वाजपेयी जी ने इसके आगे कहा, “तो तुम्हें समझ में आ गई मेरी *दिक्कत*, करन। मैं आज *विपक्ष* में हूं और लोग चाहते हैं कि मैं एक *विरोधी* की तरह बात करूं। लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता। मैं सिर्फ वो बात करना चाहता हूं जो *राजीव* जी ने मेरे लिए किया। अगर तुम्हारे लिए ये ठीक है तो बात करूंगा अगर नहीं है तो मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है ऐसे थे *राजीव* *गांधी* हमें गर्व है कि हम ऐसी पार्टी के *कार्यकर्ता* हैं *शिवपाल* *गुर्जर*

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