Wednesday, 28 November 2018
आयकर विभाग ने पैन को लेकर नियमों का एक नया सेट जारी किया है. नए नियम आगामी 5 दिसंबर 2018 से लागू हो जाएंगे. नए नियम के मुताबिक वैसी वित्तीय संस्थाएं जो वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपये या इससे अधिक का लेन-देन करते हैं, उनके लिए पैन नंबर अनिवार्य हो जाएगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बीते सप्ताह ही अपनी एक अधिसूचना में कहा था कि अगर कोई व्यक्ति वित्तीय वर्ष में 2.50 लाख रुपये या इससे अधिक का लेन-देन करता है तो उसे पैन नंबर के लिए 31 मई 2019 से पहले आवदेन देना होगा. पैन में आएंगे ये बदलाव अगर कोई व्यक्ति प्रबंध निदेशक, निदेशक, साथी, ट्रस्टी, लेखक, संस्थापक, कर्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), मुख्य अधिकारी या पदाधिकारी है और उसके पास पैन नहीं है तो उसे अब 31 मई 2019 तक पैन नंबर के लिए आवेदन देना होगा. नए नियम के मुताबिक, अब उन निवासी संस्थाओं को पैन नंबर लेना होगा चाहे वित्तीय वर्ष के दौरान उनकी कुल बिक्री, टर्नओवर या सकल रसीद पांच लाख रुपये से अधिक न भी हों. टैक्स के जानकारों का कहना है कि इससे आयकर विभाग को वितीय लेन-देन पर नजर रखने में मदद मिलेगी. इससे टैक्स की चोरी रोकने और कर का आधार बढ़ाने में मदद मिलेगी. आयकर विभाग ने पैन कार्ड के लिए भरे जाने वाले फॉर्म में कुछ निश्चित बदलाव की भी घोषणा की है. इसमें आयकर नियम में संशोधन किए गए हैं. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, इसमें यह कहा गया है कि कुछ खास स्थिति में पैन कार्ड पर पिता का नाम होना अनिवार्य नहीं होगा. सीबीडीटी के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि वैसे लोगों के पैन कार्ड पर पिता का नाम अनिवार्य नहीं होगा जिनकी सिर्फ मां ही माता-पिता या अभिभावक के रूप में हैं. -PAN देश में आयकर विभाग द्वारा प्रदान की गई एक पहचान संख्या है. इसकी जरूरत वितीय लेन-देन जैसे बैंक खाता खुलवाने और आयकर रिटर्न में होती है
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