Sunday, 16 December 2018
दिसम्बर का महीना चल रहा है... दिसम्बर हमें बहुत पसंद है... क्योंकि इसी माह में क्रिसमस आता है... जिसका हमें सालभर बेसब्री से इंतज़ार रहता है... यानी क्रिसमस के अगले दिन से ही इंतज़ार शुरू हो जाता है... इस महीने में दिन बड़े होने शुरू हो जाते हैं... और रातें छोटी होने लगती हैं... ये बात अलग है कि इसका असर जनवरी में ही नज़र आता है... दिसम्बर में ठंडी हवाएं चलने लगती हैं... सुबह और शामें कोहरे से ढकी होती हैं... क्यारियों में गेंदा और गुलाब महकने लगते हैं... सच, बहुत ख़ूबसूरत होता है दिसम्बर का महीना... इसी महीने में अपने साल भर के कामों पर ग़ौर करने का मौक़ा भी मिल जाता है... यानी इस साल में क्या खोया और क्या पाया...? नये साल में क्या पाना चाहते हैं... और उसके लिए क्या तैयारी की है... वग़ैरह-वग़ैरह... ग़ौरतलब है कि दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के मुताबिक़ साल का बारहवां महीना है. यह साल के उन सात महीनों में से एक है, जिनके दिनों की तादाद 31 होती है. दुनिया भर में ग्रेगोरी कैलंडर का इस्तेमाल किया जाता है. यह जूलियन कालदर्शक का रूपातंरण है. ग्रेगोरी कालदर्शक की मूल इकाई दिन होता है. 365 दिनों का एक साल होता है, लेकिन हर चौथा साल 366 दिन का होता है, जिसे अधिवर्ष कहते हैं. सूर्य पर आधारित पंचांग हर 146,097 दिनों बाद दोहराया जाता है. इसे 400 सालों मे बांटा गया है. यह 20871 सप्ताह के बराबर होता है. इन 400 सालों में 303 साल आम साल होते हैं, जिनमें 365 दिन होते हैं, और 97 अधि वर्ष होते हैं, जिनमें 366 दिन होते हैं. इस तरह हर साल में 365 दिन, 5 घंटे, 49 मिनट और 12 सेकंड होते है. इसे पोप ग्रेगोरी ने लागू किया था. (Firdaus Diary)
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