Sunday, 23 December 2018
मरहूम पद्मश्री मोहम्मद रफि साहब की जीवनी का नायाब पुस्तक भेट करके उनकी ऐवोडॅ गैलेरी का ऐम आई पटेल को साक्षात्कार कराते हुए उनके सुपुत्र श्री शाहिद रफि साहब मुंबई । मोहम्मद रफ़ी (24 दिसंबर 1924-31 जुलाई 1980) जिन्हें दुनिया रफ़ी या रफ़ी साहबके नाम से बुलाती है, हिन्दी सिनेमा के श्रेष्ठतम पार्श्व गायकों में से एक थे। अपनी आवाज की मधुरता और परास की अधिकता के लिए इन्होंने अपने समकालीन गायकों के बीच अलग पहचान बनाई। इन्हें शहंशाह-ए-तरन्नुम भी कहा जाता था। मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ ने अपने आगामी दिनों में कई गायकों को प्रेरित किया। 1940 के दशक से आरंभ कर 1980 तक इन्होने कुल 26,000 गाने गाए। इनमें मुख्य धारा हिन्दी गानों के अतिरिक्त ग़ज़ल, भजन, देशभक्ति गीत, क़व्वाली तथा अन्य भाषाओं में गाए गीत शामिल हैं। भारत सरकार ने उन्हे पद्मश्री एवार्ड से नवाजा और अनगिनत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ऐवोडॅ से नवाजे गये थे। अल्लाह रबबुल इज्जत उनकी मगफिरत करे और जन्नतुल फिरदौस अता करे । आमीन।
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