Monday, 31 December 2018
Sunday, 30 December 2018
*तरजिहात____________?* *_जिस क़ौम में पडौसी की बेटी कुँवारी बैठी हो,_* *_और बेवाओं और यतीमों के लिए कोई नज़म ना हो,_* *_और क़ौम के दौलत मन्द लोग उमराह पर उमराह कर रहे हों,_* *_क्या वो क़ौम_* *_तरक़्क़ी कर सकती है ??_* *______________* *_जिस क़ौम के ग़रीब बीमारों के पास इलाज का कोई बन्दोबस्त ना हो------और क़ौम के डाक्टर की फ़ीस ग़ैर क़ौम के डॉक्टरों से ज़्यादा हो,_* *_क्या वो क़ौम_* *_तरक़्क़ी कर सकती है ??_* *__________________* *_जिस क़ौम के होनहार नवजवान बे रोज़गारी के शिकार हों और क़ौम के मालदार लोग अपने महलात सँवार ने में लगे हों,_* *_क्या वो क़ौम_* *_तरक़्क़ी कर सकती है ??_* *____________________* *_जिस क़ौम के फूक़रा और ग़रीब के पास रहने के लिए मकानात ना हों-------और वहाँ जलसे और जुलूस में लाखों रुपए सर्फ़ होते हों,_* *_"क्या वो क़ौम_* *_तरक़्क़ी कर सकती है ??_* *____________________* *_जिस क़ौम के लोग ईमाम और मोअज़्ज़िन का ख़ून चुंस रहे हों और मस्जिदें संगे मरमर से सजाई जा रही हों,_* *_"क्या वो क़ौम_* *_तरक़्क़ी कर सकती है ??_* क्या आप सहमत हो? हा या ना लिखने की गुजारिश है।
Saturday, 29 December 2018
👉 *આ રચના કોની છે*એ જાણી શકાયું નથી.પરંતુ *જેમણે પણ લખ્યું છે તેમણે ખુબ જ સચોટ લખ્યું છે...*👈 🔹 *લસણ–ડુંગળી–બટાકા* ખાવાથી *પાપ* લાગે આ દેશમાં, 🔸 *આખી ને આખી બેન્ક* ખાવા છતાં *પાપ ન* લાગે આ દેશમાં. 🔹યુરોપે અટપટાં *યંત્રો* શોધી ફીટ કર્યાં *ફૅક્ટરીમાં;* 🔸આપણે *સિદ્ધિયંત્રો* બનાવી, ફીટ કર્યાં *ફોટામાં.* 🔹પશ્ચિમે *ઉપગ્રહ* બનાવી, ગોઠવી દીધા *અંતરિક્ષમાં;* 🔸આપણે *ગ્રહોના નંગ* બનાવી, મઢી દીધા *અંગુઠીમાં.* 🔹જાપાન *વિજાણુ યંત્રો* થકી, સમૃદ્ધ બન્યું જગમાં; 🔸આપણે *વૈભવલક્ષ્મીનાં વ્રતો* કરી, ગરીબી રાખી ઘરમાં. 🔹અમેરીકા *વૈજ્ઞાનિક અભિગમથી* બળવાન બન્યો વિશ્વમાં; 🔸આપણે *ધાર્મિક કર્મકાંડો થકી,* કંગાળ બન્યા દેશમાં. 🔹ઍડવર્ડ જેનરે રસી શોધી, *શીતળા* નાબુદ કર્યા જગમાં; 🔸આપણે *શીતળાનાં મંદિર બાંધી,* મુર્ખ ઠર્યા આખા જગમાં. 🔹 *પર્યાવરણ–પ્રદુષણથી* જયારે જગત આખું છે *ચિંતામાં;* 🔸આપણે *વૃક્ષો જંગલો કાપી,* લાકડાં ખડક્યાં *ચીતામાં..* 🔹 *વાસ્તુશાસ્ત્રનો દંભ ને વળગાડ,* લોકોને પીડે આ દેશમાં; 🔸 *ફાલતુશાસ્ત્ર* છે એ,છેતરાશો નહીં, *ઠગનારા ઘણા* છે આ દેશમાં. 🔹સાયંટિફિકલિ *બ્લડ* ચૅક કરી, ઍંગેજમેન્ટ કરે પશ્ચિમમાં, 🔸સંતાનોને ફસાવી *જન્મકુંડળીમાં,* *લગ્નકુંડાળાં* થાય આ દેશમા *( અજ્ઞાત )
M I Patel attended marriage reception of NAUSEEN Daughter of Mr Asifbhai Mansuri ( Trustee of KHIDMAT-E-RASOOL.cheritable Trust organisar of Group Marriage of every year) NAUSEEN weds ADNAN at St Anthony High School Varsova Mumbai. Allah bless newly weds couple and their families Mr Yakub Shaikh, Mr Shahabuddin Ali and Mr Yusuf Shaikh seen in the picture.
आनेवाले नये साल की मुबारकबाद के साथ। *न चादर बड़ी कीजिये....* *न ख्वाहिशें दफन कीजिये...* *चार दिन की ज़िन्दगी है...* *बस चैन से बसर कीजिये...* *न परेशान किसी को कीजिये...* *न हैरान किसी को कीजिये...* *कोई लाख गलत भी बोले...* *बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिये...* *न रूठा किसी से कीजिये...* *न झूठा वादा किसी से कीजिये...* *कुछ फुरसत के पल निकालिये...* *कभी खुद से भी मिला कीजिये...* 🌹 🌹
Friday, 28 December 2018
समय भी क्या से क्या बना देता है। रंक को राजा बना देता है और राजा को रंक। सब कुदरत का एक खेल है। ये सिर्फ कहावत नहीं बल्कि सच है। आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताएंगे जिसके परिवार वालों ने पूरे भारत पर राज किया। कभी लाखों सेवादार इसके परिवार की सेवा में लगे रहते थे। इसके परिवार द्वारा बनाई गई चीजें भारत की पहचान हैं लेकिन आज वो खुद एक झुग्गी में रहती है और दो वक्त की रोटियों के लिए चाय बनाकर बेचती है। कभी पूरे भारत पर राज करने वाले मुगलों का परिवार आज बेहद गरीबी से जूझ रहा है। मुगल परिवार की सबसे छोटी बहू आज चाय बेचती है। मुगलों द्वारा बनवाए महल और स्मारक तो आज भी ज्यों के त्यों है बस चली गई है तो मुगलों की अमीरी। जिस महिला की बात हम आपको बता रहें हैं उसका नाम सुल्ताना बेगम है। सुल्ताना मुगल परिवार की सबसे छोटी बहू हैं। वे मुगलों के आखिरी शास बहादुर शाह जफ़र के परपोते की पत्नी हैं। सुल्ताना आज कोलकाता की झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं और परिवार चलाने के लिए उन्हें चाय बेचनी पड़ती है। यह ताज्जुब की बात ही कही जा सकती है कि जिसके पूर्वजो की देन को देखने के लिए लोग विदेशों से भारत आते हैं। उनकी वंशज यह महिला आज झुग्गियों में रहने को मजबूर है। सुल्ताना बेगम के आर्थिक हालात बेहद खराब है। इनके पति प्रिंस मिर्जा मोहम्मद बेदार बख्त बहादुर को 1980 तक सरकार की ओर से 400 रुपये महीना की पेंशन मिलती थी जो कि 2010 में 6 हजार हो गई थी। आज की महंगाई के हिसाब से देखें तो इतने पैसे में एक पूरे परिवार को चलाना बेहद मुश्किल है। सुल्ताना बेगम सरकार को अपनी और से कई बार खत भी लिख चुकी हैं लेकिन उनको कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया। कुछ लोगों का कहना है कि सरकार ने उनको एक घर तथा 50 हजार रुपये दिए लेकिन कुछ लोगों ने मिलकर उनके घर को कब्जा लिया। घर हाथ से निकल जाने के बाद वह सड़क पर आने को मजबूर हो गई। कुछ समय बाद उन्होंने एक चाय की दूकान खोली, जो बाद में बंद हो गई। इसके बाद वे अब एक चाल में 2 कमोरों के मकान में रहने को मजबूर हैं। सौजन्य ओपरा न्यूज
Thursday, 27 December 2018
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, अधिकतर कांग्रेस के नाम से प्रख्यात, भारत के दो प्रमुख राजनैतिक दलों में से एक हैं, जिन में अन्य भारतीय जनता पार्टी हैं। कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में २८ दिसंबर १८८५ में हुई थी;इसके संस्थापकों में ए ओ ह्यूम (थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे। १९वी सदी के आखिर में और शुरूआती से लेकर मध्य २०वी सदी में, कांग्रेस भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में, अपने १.५ करोड़ से अधिक सदस्यों और ७ करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के साथ, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध में एक केन्द्रीय भागीदार बनी। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद। श्रीमती इंदिरा गांधी। श्री राजीव गांधी। श्रीमती सोनिया गांधी जैसी महान हस्तियोने नेतृत्व किया। और वर्तमान मे कार्यक्षम कर्तव्य निष्ठावान और देश और पक्ष प्रति समर्पित श्री राहुल गांधी नेतृत्व कर रहे है।
Wednesday, 26 December 2018
Tuesday, 25 December 2018
Monday, 24 December 2018
M I Patel with Sajjada Nashin Dadamiya walide mohtaram Saiyed Waris Ali Shah DEVA SHARIF Uttar Pradesh Aali Janab Sayed Abdul Gani Warsi and Babaji Afzal Warsi at Indore Madhya Pradesh welcomed by City Suptd Police (Retd) Shri Dwivediji, Shri Ajay Tondonji, Shri Sardar Palji and City Suptd of Police (Retd)Shri Dwivediji and other dignitaries.
Sunday, 23 December 2018
M I Patel with Shri Chhagan Bhujbalji, former Dy Chief Minister of Maharashtra State and Senior Leader of NCP. Shri Salim Lashkaria, Shri Hasam Lashkaria, Dr.Qureshi and Shri Dilshad Lashkaria seen in the picture at marriage reception of daughter of Haji Salim Lashkariaji at Kamalistan Studio JVLR Mumbai.
क्रिसमस को सभी ईसाई लोग मनाते हैं और आजकल कई गैर ईसाई लोग भी इसे एक धर्मनिरपेक्ष, सांस्कृतिक उत्सव के रूप मे मनाते हैं। क्रिसमस के दौरान उपहारों का आदान प्रदान, सजावट का सामन और छुट्टी के दौरान मौजमस्ती के कारण यह एक बड़ी आर्थिक गतिविधि बन गया है और अधिकांश खुदरा विक्रेताओं के लिए इसका आना एक बड़ी घटना है। दुनिया भर के अधिकतर देशों में यह २५ दिसम्बर को मनाया जाता है। क्रिसमस की पूर्व संध्या यानि 24 दिसम्बर को ही जर्मनी तथा कुछ अन्य देशों में इससे जुड़े समारोह शुरु हो जाते हैं। ब्रिटेन और अन्य राष्ट्रमंडल देशों में क्रिसमस से अगला दिन यानि 26 दिसम्बर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। कुछ कैथोलिक देशों में इसे सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहते हैं। आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च 6 जनवरी को क्रिसमस मनाता है पूर्वी परंपरागत गिरिजा जो जुलियन कैलेंडर को मानता है वो जुलियन वेर्सिओं के अनुसार २५ दिसम्बर को क्रिसमस मनाता है, जो ज्यादा काम में आने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर में 7 जनवरी का दिन होता है क्योंकि इन दोनों कैलेंडरों में 13 दिनों का अन्तर होता है।
मरहूम पद्मश्री मोहम्मद रफि साहब की जीवनी का नायाब पुस्तक भेट करके उनकी ऐवोडॅ गैलेरी का ऐम आई पटेल को साक्षात्कार कराते हुए उनके सुपुत्र श्री शाहिद रफि साहब मुंबई । मोहम्मद रफ़ी (24 दिसंबर 1924-31 जुलाई 1980) जिन्हें दुनिया रफ़ी या रफ़ी साहबके नाम से बुलाती है, हिन्दी सिनेमा के श्रेष्ठतम पार्श्व गायकों में से एक थे। अपनी आवाज की मधुरता और परास की अधिकता के लिए इन्होंने अपने समकालीन गायकों के बीच अलग पहचान बनाई। इन्हें शहंशाह-ए-तरन्नुम भी कहा जाता था। मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ ने अपने आगामी दिनों में कई गायकों को प्रेरित किया। 1940 के दशक से आरंभ कर 1980 तक इन्होने कुल 26,000 गाने गाए। इनमें मुख्य धारा हिन्दी गानों के अतिरिक्त ग़ज़ल, भजन, देशभक्ति गीत, क़व्वाली तथा अन्य भाषाओं में गाए गीत शामिल हैं। भारत सरकार ने उन्हे पद्मश्री एवार्ड से नवाजा और अनगिनत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ऐवोडॅ से नवाजे गये थे। अल्लाह रबबुल इज्जत उनकी मगफिरत करे और जन्नतुल फिरदौस अता करे । आमीन।
M I Patel with Shri Sanjay Nirupamji President of Mumbai Congress with Shri Firoz Shah and Shri Hasam Lashkaria and Rais Lashkaria and Shri Naim Lashkaria going to wish and giving blessing to newly weds couple in the marriage reception of daughter of Haji Salim Lashkariaji at Kamalistan Studio JVLR Mumbai.
Saturday, 22 December 2018
Friday, 21 December 2018
Thursday, 20 December 2018
Wednesday, 19 December 2018
Monday, 17 December 2018
विश्वभर में प्रत्येक वर्ष 18 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिवस प्रति वर्ष 18 दिसंबर 1992 से सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा, राष्ट्र निर्माण में योगदान के रूप में चिह्न्ति कर अल्पसंख्यकों के क्षेत्र विशेष में ही उनकी भाषा, जाति, धर्म, संस्कृति, परंपरा आदि की सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु मनाया जाता है। किसी राष्ट्र-राज्य में रहने वाले ऐसे समुदाय जो संख्या में कम हों और सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक रूप से कमज़ोर हों एवं जिनकी प्रजाति, धर्म, भाषा आदि बहुसंख्यकों से अलग होते हुए भी राष्ट्र के निर्माण, विकास, एकता, संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रीय भाषा को बनाये रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हों, तो ऐसे समुदायों को उस राष्ट्र-राज्य में अल्पसंख्यक माना जाना चाहिए। अन्य जानकारी भारत सरकार ने अल्पसंख्यक अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 1978 में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया था। इसे बाद में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम-1992 के तहत कानून के रूप में 1992 में पारित किया गया। साभार भारत कोष।
Sunday, 16 December 2018
विजय दिवस 16 दिसम्बर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के कारण मनाया जाता है। इस युद्ध के अंत के बाद 93,000 पाकिस्तानी सेना आत्मसमर्पण कर दिया था। साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है. यह युद्ध भारत के लिए ऐतिहासिक और हर देशवासी के दिल में उमंग पैदा करने वाला साबित हुआ. देश भर में 16 दिसम्बर को 'विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है. वर्ष 1971 के युद्ध में करीब 3,900 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि 9,851 घायल हो गए थे. इस युद्ध के दौरान एक बार फिर से इंदिरा गांधी का विराट व्यक्तित्व सामने आया. युद्ध के दौरान इंदिरा गांधी को कभी विचलित नहीं देखा गया. इंदिरा गांधी संसद भवन के अपने दफ़्तर में एक टीवी इंटरव्यू दे रही थीं. तभी जनरल मानेक शॉ ने उन्हें बांग्लादेश में मिली शानदार जीत की ख़बर दी. इंदिरा गांधी ने लोकसभा में शोर-शराबे के बीच घोषणा की कि युद्ध में भारत को विजय मिली है. इंदिरा गांधी के बयान के बाद पूरा सदन जश्न में डूब गया. इस ऐतिहासिक जीत को खुशी आज भी हर देशवासी के मन को उमंग से भर देती है.
दिसम्बर का महीना चल रहा है... दिसम्बर हमें बहुत पसंद है... क्योंकि इसी माह में क्रिसमस आता है... जिसका हमें सालभर बेसब्री से इंतज़ार रहता है... यानी क्रिसमस के अगले दिन से ही इंतज़ार शुरू हो जाता है... इस महीने में दिन बड़े होने शुरू हो जाते हैं... और रातें छोटी होने लगती हैं... ये बात अलग है कि इसका असर जनवरी में ही नज़र आता है... दिसम्बर में ठंडी हवाएं चलने लगती हैं... सुबह और शामें कोहरे से ढकी होती हैं... क्यारियों में गेंदा और गुलाब महकने लगते हैं... सच, बहुत ख़ूबसूरत होता है दिसम्बर का महीना... इसी महीने में अपने साल भर के कामों पर ग़ौर करने का मौक़ा भी मिल जाता है... यानी इस साल में क्या खोया और क्या पाया...? नये साल में क्या पाना चाहते हैं... और उसके लिए क्या तैयारी की है... वग़ैरह-वग़ैरह... ग़ौरतलब है कि दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के मुताबिक़ साल का बारहवां महीना है. यह साल के उन सात महीनों में से एक है, जिनके दिनों की तादाद 31 होती है. दुनिया भर में ग्रेगोरी कैलंडर का इस्तेमाल किया जाता है. यह जूलियन कालदर्शक का रूपातंरण है. ग्रेगोरी कालदर्शक की मूल इकाई दिन होता है. 365 दिनों का एक साल होता है, लेकिन हर चौथा साल 366 दिन का होता है, जिसे अधिवर्ष कहते हैं. सूर्य पर आधारित पंचांग हर 146,097 दिनों बाद दोहराया जाता है. इसे 400 सालों मे बांटा गया है. यह 20871 सप्ताह के बराबर होता है. इन 400 सालों में 303 साल आम साल होते हैं, जिनमें 365 दिन होते हैं, और 97 अधि वर्ष होते हैं, जिनमें 366 दिन होते हैं. इस तरह हर साल में 365 दिन, 5 घंटे, 49 मिनट और 12 सेकंड होते है. इसे पोप ग्रेगोरी ने लागू किया था. (Firdaus Diary)
Saturday, 15 December 2018
सरदार वल्लभ भाई पटेल (गुजराती: સરદાર વલ્લભભાઈ પટેલ ; 31 अक्टूबर, 1875 - 15 दिसंबर, 1950) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है।
Friday, 14 December 2018
राष्ट्रीय मानवाधिकार एवः सामाजिक न्याय आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर मेहताब राय और राष्ट्रीय सचिव श्री अखिलेश कनौजिया एक शानदार कार्यक्रम मे मुंबई मे ऐम आई पटेल को उनकी 40 साला समाज के प्रति अपना उत्तरदायित्व बखूबी अंजाम देनेके उपलक्ष मे " समाज रत्न सन्मान- 2018" से सम्मानित किया गया। इस मौके पर आयोग के पदाधिकारी श्रीमती छया तिवारी। श्रीमती मानसी गुप्ता। और विविध क्षेत्र के महानुभावों का भी सन्मान किया गया। 'विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र' का मुख्य विषय शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारी, आवास, संस्कृति, खाद्यान्न व मनोरंजन से जुड़ी मानव की बुनयादी मांगों से संबंधित है।
मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत – अशोक गहलोत 2 बार राजस्थान के मुख्यमंत्री भी रह चुके है वह राजस्थान राज्य के 21वें तथा 23वें मुख्यमंत्री रह चुके है। अशोक गहलोत 1 दिसंबर 1998 को पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने उनका कार्यकाल 8 दिसंबर 2003 को समाप्त हुआ। श्री गहलोत दूसरी बार 13 दिसंबर 2008 को मुख्यमंत्री बने और उनका कार्यकाल 12 दिसंबर 2013 तक रहा। 17 दिसंबर 2018 को वह राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सचिन पायलट: सन २००२ में अपने पिता के जन्मदिन १० फरवरी को श्री सचिन कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। इस अवसर पर एक बडे़ किसान सभा का आयोजन भी किया गया। १३ मई २००४ को पायलट चौदहवीं लोकसभा के लिए दौसा सीट से चुने गये जिसमें उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को १.२ लाख मतों से हराया। २६ साल की उम्र में वे भारतीय सांसद बनने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे। पायलट केंद्र सरकार के गृह विभाग के स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य एवं नागरिक उड़्डयन मंत्रालय के सलाहकार समिति के सदस्य रहै।
कमलनाथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे 17 को होगा शपथग्रहण* राजकीय पद :- 1979 में प्रथम बार छिंदवाड़ा से निर्वाचित 1984 1990 1991 1998 1999 2004 2009 2014 मैं लोकसभा के लिए निर्वाचित 2018 मंत्रिमंडल में प्रभार :- 1991 से 1994 तक केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री, 1995 से 1996 केंद्रीय कपड़ा मंत्री, 2004 से 2008 तक केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ,2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री , 2012 से शहरी विकास मंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री 2014 तक , संगठन में पद :- 1968 में युवक कांग्रेस में प्रवेश , 1976 में उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस का प्रभार 1970 - 81 अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य ,1979 में युवक ,कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र के पर्यवेक्षक, 2,000 2018 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव , ओर वर्तमान मर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रकाशित पुस्तकें ;- भारत की शताब्दी एवं व्यापार निवेश उद्योग नामक पुस्तक के लेखक श्री कमलनाथ
Thursday, 13 December 2018
Wednesday, 12 December 2018
राष्ट्रीय मानवाधिकार एवः सामाजिक न्याय आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर मेहताब राय और राष्ट्रीय सचिव श्री अखिलेश कनौजिया ने ऐम आई पटेल से उनकी गोरेगांव कार्यालय मे मुलाकात कि और निम्न लिखित विषय पर विचार विमर्श किया। 'विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र' का मुख्य विषय शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारी, आवास, संस्कृति, खाद्यान्न व मनोरंजन से जुड़ी मानव की बुनयादी मांगों से संबंधित है। विश्व के बहुत से क्षेत्र गरीबी से पीड़ित है, जो बड़ी संख्या वाले लोगों के प्रति बुनियादी मानवाधिकार प्राप्त करने की सबसे बड़ी बाधा है। उन क्षेत्रों में बच्चे, वरिष्ठ नागरिकों व महिलाओं के बुनियादी हितों को सुनिश्चित नहीं किया जा सकता। इस के अलावा नस्लवाद व नस्लवाद भेद मानवाधिकार कार्य के विकास को बड़ी चुनौती दे रहा है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पक्षके अध्यक्ष श्री शरतचंद्र पवारजी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाए।।। दूसरी तस्वीर श्री शरद पवार जी के साथ ऐम आई पटेल की पुरानी याद ताजी करती है। जब भारतीय संसद ने ग्राहक सुरक्षा कानून बनाया और उन दिनोकी है जब महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री श्री शंकरराव चव्हाण जी की अध्यक्षता मे ग्राहक संरक्षण परिषद की प्रथम राज्य स्तरीय कमिटी नियुक्त हुई जिसमे अन्न और नागरिक पुरवठा मंत्री डोर व्ही सुब्रमण्यम। कोग्रेस ( ऐस) के विधायक के रुपमे श्री शरद पवारजी के साथ परिषद के सदस्य ऐम आई पटेल। ईस परिषद मे अन्य महानुभाव सदस्य श्री मुरली देवराजी। श्री अनोपचंद शाह जी।श्री एकनाथ गायकवाड जी। वर्तमान युपी के राज्यपाल श्री राम नाईकजी। विधानसभा विरोधीपक्ष नेता श्रीमती मृणाल गोरेजी के साथ कार्य करनेका ऐम आई पटेल को सौभाग्य प्राप्त हुआ।
Monday, 10 December 2018
Saturday, 8 December 2018
*यह भी नहीं रहने वाला* 🌹 एक साधु देश में यात्रा के लिए पैदल निकला हुआ था। एक बार रात हो जाने पर वह एक गाँव में आनंद नाम के व्यक्ति के दरवाजे पर रुका। *आनंद ने साधू की खूब सेवा की। दूसरे दिन आनंद ने बहुत सारे उपहार देकर साधू को विदा किया।* साधू ने आनंद के लिए प्रार्थना की - "ईशवर करे तू दिनों दिन बढ़ता ही रहे।" *साधू की बात सुनकर आनंद हँस पड़ा और बोला - "अरे, महात्मा जी! जो है यह भी नहीं रहने वाला ।" साधू आनंद की ओर देखता रह गया और वहाँ से चला गया ।* दो वर्ष बाद साधू फिर आनंद के घर गया और देखा कि सारा वैभव समाप्त हो गया है । पता चला कि आनंद अब बगल के गाँव में एक जमींदार के यहाँ नौकरी करता है । साधू आनंद से मिलने गया। *आनंद ने अभाव में भी साधू का स्वागत किया । झोंपड़ी में फटी चटाई पर बिठाया । खाने के लिए सूखी रोटी दी । दूसरे दिन जाते समय साधू की आँखों में आँसू थे । साधू कहने लगा - "हे परमातमा ! ये तूने क्या किया ?"* आनंद पुन: हँस पड़ा और बोला - "महाराज आप क्यों दु:खी हो रहे है ? महापुरुषों ने कहा है कि ईशवर इन्सान को जिस हाल में रखे, इन्सान को उसका धन्यवाद करके खुश रहना चाहिए। समय सदा बदलता रहता है और सुनो ! यह भी नहीं रहने वाला।" *साधू मन ही मन सोचने लगा - "मैं तो केवल भेष से साधू हूँ । सच्चा साधू तो तू ही है, आनंद।"* कुछ वर्ष बाद साधू फिर यात्रा पर निकला और आनंद से मिला तो देखकर हैरान रह गया कि आनंद तो अब जमींदारों का जमींदार बन गया है । मालूम हुआ कि जिस जमींदार के यहाँ आनंद नौकरी करता था वह सन्तान विहीन था, मरते समय अपनी सारी जायदाद आनंद को दे गया। *साधू ने आनंद से कहा - "अच्छा हुआ, वो जमाना गुजर गया । ईशवर करे अब तू ऐसा ही बना रहे।"* *यह सुनकर आनंद फिर हँस पड़ा और कहने लगा - "महाराज ! अभी भी आपकी नादानी बनी हुई है।"* साधू ने पूछा - "क्या यह भी नहीं रहने वाला ?" *आनंद उत्तर दिया - "हाँ! या तो यह चला जाएगा या फिर इसको अपना मानने वाला ही चला जाएगा । कुछ भी रहने वाला नहीं है और अगर शाश्वत कुछ है तो वह है परमात्मा और उस परमात्मा की अंश आत्मा।"* आनंद की बात को साधू ने गौर से सुना और चला गया। *साधू कई साल बाद फिर लौटता है तो देखता है कि आनंद का महल तो है किन्तू कबूतर उसमें गुटरगूं कर रहे हैं, और आनंद का देहांत हो गया है। बेटियाँ अपने-अपने घर चली गयीं, बूढ़ी पत्नी कोने में पड़ी है ।* *कह रहा है आसमां यह समा कुछ भी नहीं।* रो रही हैं शबनमें, नौरंगे जहाँ कुछ भी नहीं। जिनके महलों में हजारों रंग के जलते थे फानूस। झाड़ उनके कब्र पर, बाकी निशां कुछ भी नहीं। *साधू कहता है - "अरे इन्सान! तू किस बात का अभिमान करता है ? क्यों इतराता है ? यहाँ कुछ भी टिकने वाला नहीं है, दु:ख या सुख कुछ भी सदा नहीं रहता। तू सोचता है पड़ोसी मुसीबत में है और मैं मौज में हूँ । लेकिन सुन, न मौज रहेगी और न ही मुसीबत। सदा तो उसको जानने वाला ही रहेगा। सच्चे इन्सान वे हैं, जो हर हाल में खुश रहते हैं। मिल गया माल तो उस माल में खुश रहते हैं, और हो गये बेहाल तो उस हाल में खुश रहते हैं।"* साधू कहने लगा - "धन्य है आनंद! तेरा सत्संग, और धन्य हैं तुम्हारे सतगुरु! मैं तो झूठा साधू हूँ, असली फकीरी तो तेरी जिन्दगी है। *विचार करे*👆🏻👍🏻
What is Marksheet Loan मार्कशीट लोन (Marksheet Loan) को एजुकेशन लोन और छात्र लोन के नाम से भी जाना जाता है। मार्कशीट लोन एक खास योजना है जिसके तहत वित्तीय संगठन उच्च शिक्षा के लिए आवेदकों को लोन देकर सहायताकरती हैं। जिससे कि किसी भी छात्र को धन की कमी की वजह से अपने सपनों से समझौता नहीं करना पड़े। आपको बता दें कि मार्कशीट लोन, खासकर मेधावी छात्रों के लिए ही है। यानि कि जो छात्र पढ़ाई में अव्वल हैं या फिर अच्छे ग्रेड के साथ पास हुए हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति सही नहीं होने की वजह से वे आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे छात्रों को मार्कशीट लोन उपलब्ध करवाया जाता है। इसके साथ ही इस खास योजना के तहत अच्छे अंक हासिल करने वाले छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी एडमिशन लेने के लिए भी लोन उपलब्ध करवाया जाता है। वहीं अगर दूसरे शब्दों में कहें तो किसी राष्ट्रीय या फिर भरोसेमंद बैंक से लिया गया मार्कशीट लोन, आपकी पढ़ाई में आने वाली वित्तीय बाधाओं के डर को दूर भगाता है और उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय मद्द कर, आपको एक प्रतिष्ठित कॉलेज में पढ़ने के लिए सक्षम बनाता है। मार्कशीट लोन के लिए योग्यता छात्रों के पुराने एग्जाम की मार्कशीट , और पुराने क्लास के अंक के आधार पर तय होती है। आपको बता दें कि इसके तहत पिछले मार्कशीट इसलिए मायने रखती हैं। क्योंकि किसी भी छात्र के शिक्षा में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर ही ये आकलन किया जाता है कि ये लोन इसके लिए योग्य छात्रों के लिए ही मिल रहा है या नहीं। यही वजह है कि इस खास लोन को मार्कशीट लोन कहा जाता है । मार्कशीट लोन को लेकर कई लोग ये भी सोचते हैं कि, आवेदकों को इस लोन लेने के दौरान, अपनी मार्कशीट को सुरक्षा के तौर पर जमा करनी पड़ती है, लेकिन हम आपको बता दें कि मार्कशीट लोन लेने के लिए ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, कोई भी भारतीय बैंक इस लोन को आवेदकों को उपलब्ध करवाने के लिए मार्कशीट को सुरक्षा के तौर पर नहीं रखती है। वहीं जो छात्र ये लोन लेना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें अन्य जरूरी दस्तावेजों और जिस कॉलेज में वे एडमिशन ले रहे हैं, उसका प्रूफ और अपनी मार्कशीट की कॉपी जमा करनी होगी। हालांकि मार्कशीट लोन पूरी तरह से आवेदकों की उच्च शिक्षा के लिए उचित धन की व्यवस्था करने पर फोकस है। इसके तहत योग्य आवेदकों को कुछ जरूरी नियम और शर्तों के आधार पर उच्च शिक्षा के लिए लोन प्राप्त होता है
Friday, 7 December 2018
I am saddened to share the news of the demise of Kishanganj MP, Maulana Asrarul Haq Qasmi Sb who breathed his last this morning. May Allah s.w.t. in his mercy, grant him rest, may his grave be a part of Jannatul Firdaus and an abode of light. May Allah make him pass successfully in all the stages of the life after death. Ameen.
Thursday, 6 December 2018
अगर आपको भी स्वस्थ रहना है तो आप भी प्रारम्भ कर दें दूध व शहद पीना। इसमें कई गुण पाएं जाते हैं जो आपकी स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। आइये बता देते हैं क्या फायदा होते है इसके * दूध और शहद का कॉम्बिनेशन बॉडी को हेल्दी बनाएं रखने के साथ ही हड्डियों की बीमारियों, आयु के साथ होने वाले जोड़ों के दर्द आदि से सुरक्षित रखता है, क्योकि दूध और शहद दोनों में ही कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होती है। गर्म दूध में शहद मिलाकर पीने से श्वास संबंधी परेशानियों में भी लाभ मिलता है। * दूध व शहद लेने न केवल स्किन ग्लो करने लगती है बल्कि बॉडी को भी आराम मिलता है। प्राचीन समय से ही ग्रीक, रोमन, इजिप्ट, हिंदुस्तान आदि राष्ट्रों में जवान दिखने के लिए एक एंटीएजिंग प्रापर्टी के रूप में दूध और शहद का सेवन किया जाता रहा है। * शहद और दूध दोनों ही बैक्टीरिया को समाप्त करते हैं। दूध और शहद साथ लेने से इम्मुनिटी बढ़ती है और स्किन ग्लो करने लगती है। दूध और शहद को बराबर मात्रा में मिला लें उतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर नहाने से पहले बॉडी पर लगाएं स्किन निखर जाएगी। * शहद, दूध के साथ लेने पर एंटीबैक्टीरियल प्रापर्टी की तरह कार्य करता है। इससे हानिकारक बैक्टिरिया बॉडी पर आक्रमण नहीं कर पाते हैं और सर्दी, खांसी आदि समस्याएं दूर ही रहती हैं। गर्म दूध में शहद मिलाकर पीने से तनाव दूर होता है। ये नर्व सेल्स व नर्वस सिस्टम को आराम पहुंचाने का कार्य करता है। * प्रतिदिन एक गिलास दूध में दो चम्मच शहद मिलाकर लेने से डाइजेस्टीव सिस्टम में सुधार होता है व कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है। * प्रतिदिन एक गिलास दूध में शहद लेने से बॉडी को आंतरिक बल मिलता है। जहां दूध में प्रोटीन होता है वहीं शहद में पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। दूध और शहद साथ लेने से बॉडी को एनर्जी मिलती है और मेटाबॉलिज्म क्रिया को बढ़ावा मिलता है।
विश्व में कई ऐसे देश हैं जिनका केवल पासपोर्ट होने भर से आप विश्व के 166 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। ऐसे पासपोर्ट को काफी मजबूत माना जाता है। हम आज आपको बताने जा रहे है कि कौन सा पासपोर्ट सबसे ज्यादा मजबूत है और भारत की क्या रैकिंग है। ऐसे होती है पासपोर्ट की रैंकिंग हर देश के पासपोर्ट की सलाना रैंकिंग की जाती है। इसको करने के लिए केवल यह देखा जाता है कि किस देश के पासपोर्ट से आप सबसे ज्यादा देशों में बिना वीजा के प्रवेश कर सकते हैं। जिस देश का पासपोर्ट विश्व के अन्य देशों में बिना किसी वीजा के प्रवेश की सुविधा देता है, उसकी रैंकिंग सबसे ऊपर होती है। यह रैंकिंग हर साल पासपोर्ट इंडेक्स नाम की संस्था जारी करती है। यूएई का पासपोर्ट पहले नंबर पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का पासपोर्ट वर्ष 2018 में पहले पायदान पर है। यूएई के पासपोर्ट से 113 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। वहीं 54 देशों में वीजा ऑन अराइवल और 31 देशों के लिए पहले से वीजा लेना पड़ता है। दूसरे नंबर पर सिंगापुर, जर्मनी सिंगापुर के लोग केवल पासपोर्ट के आधार पर विश्व के 127 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। वहीं 39 देशों में वीजा ऑन अराइवल की सुविधा है। 32 देशों में वीजा लेना पड़ेगा। वहीं जर्मनी के पासपोर्ट पर 126 देशों में बिना वीजा, 40 देशों में वीजा ऑन अराइवल और 32 देशों में वीजा की पहले जरूरत पड़ेगी।
Wednesday, 5 December 2018
डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर की मृत्यु 6 दिसम्बर 1956 को हुई थी यही कारण है कि डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिन या पुण्यतिथि हर साल उन्हें 6 दिसम्बर को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिये मनाया जाता है। देश भर से लोगों की एक बड़ी भीड़ भारत के संविधान के महान वास्तुकार, डॉ बाबासाहेब अंबेडकर के लिए श्रद्धा अर्पण करने के लिए दादर में "चैत्य भूमि" (डॉ अम्बेडकर के स्मारक) पर जमा हो जाते हैं।
आज कैमरा हमारे जीवन का सबसे अहम हिस्सा है और हर छोटे से छोटे स्मार्टफ़ोन पर मौजूद रहता है और हमारे अच्छे पालो को कैप्चर करने के काम आता है ..लेकिन इसका कई जगहों पर दुरोपयोग भी होता है जहाँ कैमरे को छुपकर गलत फोटो व विडियो बनाकर लोगो के सामने लाया जाता है ..लेकिन ऐसा अब से नहीं हो पायेगा क्यूंकि आज आपको एक ऐसे एप्प के बारे में बताएँगे जो आसानी से डिटेक्ट कर लेता है कि जिस जगह पर आपको शक है वहां पर कोई कैमरा तो नहीं लगा …आप इस एप्प के जरिये आसानी से यह चीज़ पता कर सकते है यह एप्प कर लेता है हिडन कैमरे को डिटेक्ट :- जिस एप्प की हम बात कर रहे है उसका नाम है Hidden Camera detector है जो प्लेस्टोर पर भी मौजूद है इसे आपको डाउनलोड करना है और इनस्टॉल करना है इसके बाद आप इसे ओपन करे इसमें आपको दो ऑप्शन्स दिखाई देंगे उसमे से आपको डिटेक्ट इन्फ्रारेड कैमरा को सेलेक्ट करना है अब इसके बाद आटोमेटिक इसमें स्कैनिंग शुरू हो जायेगी और आपको पता चल जायेगा की उस जगह पर कोइ कैमरा है या नहीं .
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