सुप्रभात
*टुटा हुआ विश्वास*
*और छूटा हुआ बचपन,*
*जिंदगी में कभी दुबारा वापस नहीं मिलता* !!
*" नफरतों में क्या रखा हैं ..,*
*मोहब्बत से जीना सीखो..,*
*क्योकि*
*ये दुनियाँ न तो हमारा घर हैं ...*
*और ...*
*न ही आप का ठिकाना ..,*
*याद रहे ! दूसरा मौका सिर्फ कहानियाँ देती हैं , जिन्दगी नहीं ... "*
*अक्सर वही रिश्ते,*
*लाजवाब होते हैं..*
*जो एहसानों से नहीं,*
*एहसासों से बने होते हैं..!*
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