Saturday, 6 May 2017

*चमन में फूल , हाथों में गुलदान रहने दो* *मंदिर का भजन , मस्जिद में अजान रहने दो* *जवानो को वतन में ही क्यू शहीद करते हो* *कुछ तो इस मिटटी की भी पहचान रहने दो* *दो ही क़ौम हे जिसकी बात दुनिया करती है* *अरे! अब तो ये हिन्दू , ये मुसलमान रहने दो* *रंगो में बाँट बाँट कर बे रंग सा कर दिया है* *बना दो तिरंगा और पुराना हिंदुस्तान रहने दो...*

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