Thursday, 11 May 2017

ख्वाब-ए-ग़फ़लत में सोये हुए मोमिनो ऐश-ओ-इशरत बढाने से क्या फ़ायदा आँख खोलो और याद रब को करो उम्र यूँ ही गवाने से क्या फ़ायदा 🍥🔻🍥🔺🍥🔻🍥🔺🍥 अपने रब को जवानी में भुला है तू ओर ताकत के बूते पे फुला है तू जब जवानी ढलेगी तो पछतायेगा ऐसे रोने रुलाने से क्या फ़ायदा 🍥🔻🍥🔺🍥🔻🍥🔺🍥 था हुकूमत का फ़िरऔन को भी नशा जुल्म पर जुल्म वो ख़लकत करता रहा जब समन्दर में डूबा तो कहने लगा इस हुकूमत के पाने से क्या फ़ायदा 🍥🔻🍥🔺🍥🔻🍥🔺🍥 कितना मारूफ़ किस्सा है शद्दाद का रूह जब उसके तन से निकली गयी मरता मरता वो लोगो से कहता गया ऐसी जन्नत बनाने से क्या फ़ायदा 🍥🔻🍥🔺🍥🔻🍥🔺🍥 मालदारी में मशहूर कारून था वो मुखालिफ था मूसा व हारुन का जब ज़मीन में धसाया तो कहने लगा ऐसे बेजान ख़ज़ाने से क्या फ़ायदा 🍥🔻🍥🔺🍥🔻🍥🔺🍥 काबिले ज़िक्र किस्सा है नमरूद का वो भी इन्कार करता था माबूद का उसके भेजे को मच्छर ने खा कर कहा यूँ बड़ाई जताने से क्या फ़ायदा 🍥🔻🍥🔺🍥🔻🍥🔺🍥 अपनी शोहरत पे यूँ ना मचल एक दिन आ दबोचेगी तुझको अजल रूह को साफ़ कर नेक आमाल कर जिस्म-ए-ज़ाहिर बनाने से क्या फ़ायदा 🍥🔻🍥🔺🍥🔻🍥🔺🍥 ख्वाब-ए-ग़फ़लत में सोये हुए मोमिनो ऐश-ओ-इशरत बढाने से क्या फ़ायदा आँख खोलो और याद रब को करो उम्र यूँ ही गवाने से क्या फ़ायदा 🍥🔻🍥🔺🍥🔻🍥🔺

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