*अगर "जिंदगी" को "कामयाब"*
               *बनाना हो तो याद रखें,* 
          *"पाँव" भले ही "फिसल" जाये*
                    *पर "जुबान" को* 
             *कभी मत फिसलने देना..*
*सब के दिलों का*
         *एहसास अलग होता है* ...
*इस दुनिया में सब का*
           *व्यवहार अलग होता है* ...
*आँखें तो सब की*
           *एक जैसी ही होती है* ...
*पर सब का देखने का*
           *अंदाज़ अलग होता है* ...
 
 
          
      
 
  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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