M.I.Patel Nagarsevak
Sunday, 25 December 2016
वही करता और वही करवाता है , क्यूँ बंदे तू इतराता है , इक सॉस भी नहीं है तेरे बस की वही सुलाता और जगाता है . दिल मे हो सच्चाई, चेहरे पर हो मुस्कान, करे जो औरों सम्मान, वही है अच्छा ईनसान ।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment