Friday, 9 December 2016
एक जवान बेटे ने घर में टीवी पर जब देश के बडे नेता का ये भाषण सुना कि 60 वर्षो से सत्ताधारी सरकारों ने कुछ नही किया उन्होंने देश को लूटने का ही काम किया तब उस बेटे ने अपने पिता से पूछा की पापा क्या ये सत्य हे? क्या देश की जनता मुर्ख थी ?जो मतदान पूर्वक ऐसी सरकारे चुनती रही अगर सत्ताधारी प्रमुख ऐसे भ्रष्ट थे तो उनको सजा क्यों नही मिली? क्यों आजतक हम इन्हें महापुरुषो में गिनते हे ? बेटे के ऐसे सवाल पर पिता ने कहा की बेटा इसकी हकीकत जाननी हे तो एक काम करते हे अपने पूरे परिवार के सदस्य कल बिजली, वाहन,मोबाइल ,गैस रहित मनाएंगे और इनसे सम्बन्धित किसी भी वस्तु का प्रयोग नही करेंगे अगले दिन प्रातः घर की महिलाएं कुए से पानी लाई ,थके हाल लकड़ी जलाकर चूल्हे से खाना बनाया , पैदल ही 1 किमी दूर दूकान पर धंधा करने गए ,बिना पंखे के गर्मी में बेहाल दूकान में व्यापार किया ,आवश्यक होने पर भी व्यापारी और ग्राहक से बात करने मोबाइल का प्रयोग नही कर पाए ,रात को पैदल ही थके थके घर आये ,घर की महिलाए दिनभर काम करके गर्मी में चूल्हे पर खाना बनाकर लतपथ हो गयी थी फिर लालटेन की रौशनी में सबने खाना खाया अंत में टीवी बन्द होने से जल्दी जब सोने गये लेकिन गर्मी में बिना पंखे की नींद नही आयी तब घर के सभी सदस्य बोले पापा जी ऐसी जिंदगी तो अब एक पल भी ओर नही जी सकते आगे कभी ऐसा प्रयोग नही करवाना तब पापा बोले -बेटा तुम एक दिन में ही इतने अधीर हो गए तो सोचो आज से 50-60 वर्ष पूर्व तुम्हारे बाप-दादा ऐसी ही जिंदगी जीते थे लेकिन ये आज की जो इतनी सुविधाओं की जिंदगी देख रहे हो वो हमारी चाहत,मेहनत और 60 वर्षो में देश की सत्ताधारी सरकारों के प्रयासो से प्राप्त हुई हे सड़के,बिजली,हॉस्पिटल,स्कुल,गैस चूल्हे,दूरसंचार फोन की सुविधाए सब विभिन्न सरकारी प्रयासों से सम्भव हुई है पिता की बाते सुनकर बेटा बोला -की पापा 60 वर्षो में हमारी जिंदगी इतनी बदली अपना देश इतना बदला तो ये ऐसा क्यों बोलते हे, पापा बोले- बेटा ये उनकी अज्ञानता और अहंकार हे मे जो बता रहा हु वो 60 वर्षो का अनुभव है जिसने इस भारत की विकास यात्रा को देखा हे जो की सत्य है
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