Tuesday, 2 February 2016
नेताजी सुभाषचंद्र बोस के मुस्लिम साथी ************************* एक मुस्लिम व्यापारी ने अपनी सारी पूँजी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी को दे दिया था।. मेमन अब्दुल हबीब युसूफ मार्फानी सौराष्ट्र के धोराजी शहर के रहने वाले थे और अंग्रेजों के समय के बहुत बड़े व्यापारी थे आज़ादी की लडाई जब लड़ी जा रही थी तब मेमन अब्दुल युसूफ हुसैन मार्फानी का परिवार रंगून में था ‘आज़ाद हिन्द फौज’ को आर्थिक रूप से मदद करने वाले मेमन अब्दुल हबीब युसूफ मार्फानी पहले व्यक्ति थे मेमन अब्दुल युसूफ हुसैन मार्फानी ने अपनी सारी जायदाद,पैसा जिसकी कीमत उस ज़माने में १ करोड़ रूपए की थी उसको ‘आजाद हिन्द बैंक’ में दे दी थी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने मेमन अब्दुल हबीब युसूफ मार्फानी का धन्यवाद देते हुए उनको 'सेवक ऐ हिन्द' का खिताब दिया था इतिहासकार राज मल कासलीवाल अपनी किताब 'नेताजी आजाद हिन्द फौज एंड आफ्टर' में बताया है की नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने उनके इस दान पर कहा था की ----'हबीब सेठ ने आजाद हिन्द फौज की मदद करी है उनक यह योगदान हमेशा याद रखा जायेगा' इतना ही नहीं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज' में ४० % मुसलमान थे आजाद हिन्द फौज में जिस व्यक्ति को सेना में भर्ती करने का काम सौंपा गया था उनका नाम गुलाम हुसैन मुश्ताक रंदेरी था वह भी गुजरात के सूरत के रहने वाले थे 'आजाद हिन्द फौज' में बहुत सारे मुसलमान थे जो बड़े अफसर और सिपाही के पद पर थे उनमें से कुछ इस प्रकार हैं --जनरल शाहनवाज़ खान,कर्नल अज़ीज़ अहमद,अशरफउद्दीन चौधरी,कर्नल हबीबुर्रहमान,अब्दुल रहमान खान,अशरफ मंडल,आमिर हयात,अख्तर अली,अहमद खान,ऐ के मिर्ज़ा,अबू खान,एस अख्तर अली,अहमदुल्लाह,ताजुद्दीन और हैदराबाद के आबिद हसन सफरानी थे जिन्होंने ही सबसे पहले 'जय हिन्द'का नारा दिया था और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को सबसे पहले 'नेताजी'कहकर संबोधित किया था आजतक का किसी भी भारतीय व्यति का सबसे अधिक व्यक्तिगत पूँजी का दान है ये।बिना पैसो के कोई जंग जीती नहीं जाती ..और ये आर्टिकल टाइम्स ऑफ़ इंडिया में भी छापा गया था ... प्रूफ:- http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2012-07-14/ahmedabad/32674336_1_netaji-azad-hind-fauz-bose आपको ये भी पता होना चाहिए कि "जय हिन्द' का नारा भी एक मुस्लिम आजाद हिन्द फ़ौजी (जर्मनी से डिग्री प्राप्त भारतीय इंजिनियर) आबिद हसन की देन है..
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